भाव
कम नहीं है पर पूरा भी नहीं
आधा अगर है तो पूरा नहीं
हम है पुजारी भाव के
अंजना कहे की यही मोल दाव के
सुहानी सी ज़िन्दगी बनाके जीवन
सूख जब हमको दे जाती है
तभी एहसास जो होता है
वही होता एहसास भाव का
प्रेम की कहानी सुनी सबने है
पर कोई कैसे कहे की ये भी है
शब्द भाव के
लम्बी सी ज़िन्दगी काटने को तरसना
हमेशा यही सोचना की कैसे होगा आगे का फ़साना
तभी जो उमडन उठती है मन के भीतर
वही है स्नेह भाव का
पूजा ,अर्चना ,आराध्य शब्द सुना सभी ने
कहने को हमें ये शब्द लगते है
लेकिन जब इसमें कोई मोह दाल दे
तो वो है दिलदार भाव का
कोई न जाने इस जहां में
भाव ने उसको क्या दिया
पर एक से तो करोडो हैं
भाव भी अपनी मर्यादा जानता है
भाव की रूचि उसी को पता है
जो होता मन से कोमल ,
आत्मा से अनमोल ,
ह्रदय से गहरा,और
शब्दों से भरा |