Saturday, September 8, 2018

bhav

भाव 

कम नहीं है पर पूरा भी नहीं 
आधा अगर है तो पूरा  नहीं 
हम है पुजारी भाव के 
अंजना कहे की यही मोल दाव  के 

सुहानी सी ज़िन्दगी बनाके जीवन 
सूख जब हमको दे जाती है 
तभी एहसास जो होता है  
वही होता एहसास भाव का 

प्रेम की कहानी सुनी सबने है 
पर कोई कैसे कहे की ये भी है 
शब्द भाव के 

लम्बी सी ज़िन्दगी काटने को तरसना 
हमेशा यही सोचना की कैसे होगा आगे का फ़साना 
तभी जो उमडन उठती है मन के भीतर 
वही है स्नेह भाव का 

पूजा ,अर्चना ,आराध्य शब्द सुना सभी ने 
कहने को हमें ये शब्द लगते है 
लेकिन जब इसमें कोई मोह दाल दे 
तो वो है दिलदार भाव का 

कोई न जाने इस जहां में 
भाव ने उसको क्या दिया 
पर एक से  तो करोडो हैं 
भाव भी अपनी मर्यादा जानता है 
भाव की रूचि उसी को पता है 
जो होता मन से कोमल ,
आत्मा से अनमोल ,
ह्रदय से गहरा,और 
शब्दों से भरा | 

patta

पत्ता 

डाली भरी हुई पत्तों से 
डाली भरी हुई पत्तों से 
शाखें है वीरान 

हरी भरी बगिया लगे 
दुनिया लगे नयी-नयी 
हमें जीवन का सुख मिले 
करते है दुआ सभी 

फूल खिले बगिया महके 
हमें ख़ुशी की आह नहीं 
जीवन नया-नया बने 
किसीको इसकी खबर नहीं 

सावन की ऋतू आने को 
बगिया महक बरसाने को 
सुनदर सुघर दिखने को 
जीवन खुशनुमा बने 

पत्तो की गहराई देखि 
देखा उनका रंग-रूप 
मन भी उधर गया जिधर 
शाखें है विरान भरी 

दुनिया लगे वही पुरानी 
है बिलकुल नयी-नयी 
डाली भरी हुई पत्तो से 
जीवन लगे खुशियों भरी | 

bhav

भाव  कम नहीं है पर पूरा भी नहीं  आधा अगर है तो पूरा  नहीं  हम है पुजारी भाव के  अंजना कहे की यही मोल दाव  के  सुहानी सी ज़िन्दग...