पत्ता
डाली भरी हुई पत्तों से
डाली भरी हुई पत्तों से
शाखें है वीरान
हरी भरी बगिया लगे
दुनिया लगे नयी-नयी
हमें जीवन का सुख मिले
करते है दुआ सभी
फूल खिले बगिया महके
हमें ख़ुशी की आह नहीं
जीवन नया-नया बने
किसीको इसकी खबर नहीं
सावन की ऋतू आने को
बगिया महक बरसाने को
सुनदर सुघर दिखने को
जीवन खुशनुमा बने
पत्तो की गहराई देखि
देखा उनका रंग-रूप
मन भी उधर गया जिधर
शाखें है विरान भरी
दुनिया लगे वही पुरानी
है बिलकुल नयी-नयी
डाली भरी हुई पत्तो से
जीवन लगे खुशियों भरी |
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