किसी और की
कविता किसी और की
रचना किसी की
गहन किसी और की
लोरी किसी की
स्वर किसी और की
नींद किसी की
आँखों में सपने
किसी और के
सुबह किसी की
उसकी अंगड़ाई
कसी और की
उसकी चांदनी
किसी और की
फूल किसी का
उसकी खुसबू
किसी और की
मेहँदी किसी की
उसकी लालिमा
किसी और की
दुलहन किसी की
उसका सुन्दर लाल जोड़ा
किसी और का
खो ना जाये ये सब कुछ
कभी न कभी
क्यूंकि ये पल भी
हैं किसी और के ||
Gajab behnaa
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