अनसुनी अनकही कहानी
ये कहानी है एक लड़की की जो एक छोटे से परिवार से है ये लड़की पहाड़ो में पली बड़ी थी इस लिए इसे सिर्फ वैसी ही वादियों और पेड़ और पौधे और फूलों के साथ रहना अच्छा लगता था जब भी वो उनके साथ रहती उसे इस दुनिया की कोई फिक्र नहीं थी ना कोई दर्द ना कोई शर्त की तुम्हें इससे से आगे जाना है तुम्हें सब से आगे बढ़ना है और ना ज़िन्दगी से कोई शिकवा की मुझे ऐसा को बनाया |
वैसे तो हम सब आज की दुनिया में सबसे आगे बढ़ने में और एक प्रतियोगी के रूप में ही एक दूसरे को देखते है पर हम ये क्यों भूल जाते हैं की हमारी सबसे बड़ी प्रतियोगी हम खुद हैं हमें कोई तब तक नहीं हरा सकता जब तक की हम खुद हार ना मान लें | इस लड़की की भी कुछ इसी तरह की कहानी है जो ना किसी ने सुनी और ना कही |
ये लड़की बड़ी ही साधारण सा जीवन जीती थी अपनी माँ के साथ उसका इस पूरी दुनिया में कोई नहीं था सिवाय इसकी माँ के | उसकी माँ ने कभी उसे बहार की दुनिया से डरना नहीं सिखाया हमेशा डट के सामना करना सिखाया जो भी मुश्किल हो उसका खुद से हल निकालना सिखाया लेकिन एक सिख नहीं दे पायी उसकी माँ की इस भरी दुनिया में उसका कोई साथ नहीं देगा जो भी करना है अकेले करना है और यही सिख देने से पहले ही उसकी माँ की मृत्यु हो गई देखते ही देखते वो महज़ सिर्फ १२ साल की लड़की अनाथ हो गई पिता का साया पहल ही हट गया था और अब माँ भी नहीं रही इस पूरी दुनिया में वो अकेली थी ना कोई आगे ना पीछे बस वो अकेली------------------------------------!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!
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