कली
सुन रे माली कहे कली
सभी हैं तेरे भाई बंधू
मुझको क्यों तड़पता है
उनको क्यों नहीं भाता है |
माली बोले क्यों कली
मुझसे क्यों तू डरती है
पानी ,खाद आदि का सेवन रोज़ाना तू करती है |
लगा तुजे ऐसा क्यों कली
सभी हैं भाई बंधू मेरे
तू ना जाने कौन है वो
तुझे किसी की खबर न थोड़ी
क्यों की है तू अति मत भोली |
कली मुस्कुराई
बोली माली भाई
अबसे तू ना रहे अकेला
मैं ही तेरी प्रिय
और मैं ही तेरी सखी सहेला |
बनजा तू मेरा रखवाला
कहे जा तू सभी से
की तु ही है मेरा मतवाला | |
कली -सुकृती राय
अपनी भाषा पर अपना दबदबा बनाये रखो और इसी तरह से लिखते रहो ।।
ReplyDeleteकुछ जगहों पर तुम्हे मेहनत करने की आवश्यकता है।