Friday, June 22, 2018

savan ka mausam

सावन का मौसम 

कैसा लगता है ये सावन का मौसम 
बादल गरज गरज कर बोले 
तू है मेरी और तेरे हैं हम 

मैं ना जानू कौन है बिजली 
चमक चमक कर बोले हमसे 
घर से तू बाहर क्यूँ निकली 
रह जाना ना तू अकेली 

उपवन बाग़ बगीचे पूछे 
सावन का मौसम क्यों ना आता बार बार 
डाली डाली क्यारी क्यारी हमसे पूछे 
ये सावन का मौसम क्यों नहीं आता बार बार 

हरी भरी है दुनियां सारी 
वर्षा की बून्द को पी कर 
न्यारी न्यारी लग रही है 
ओस की तरह चमक कर 

ये सावन का मौसम लग रहा है 
मधुरबन 
आया है ये सालों में एक बार 
मीठे सुर बन 

नाच रहे हैं मोर मयूर 
गायें मधुर संगीत सारे 
बोले दादुर बोले मोर 
सारे गायेें एक सुर 

रास लीला कृष्ण रचाएं 
गोपियों संग करते नृत्य सारे 
रास रचयिआ मोहन मोरलिआ 
कहते हैं हमसे झूम के सारे 

देख आया है मौसम प्यार का 
ले ले मज़ा अब इस बरसात का 





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