सावन का मौसम
कैसा लगता है ये सावन का मौसम
बादल गरज गरज कर बोले
तू है मेरी और तेरे हैं हम
मैं ना जानू कौन है बिजली
चमक चमक कर बोले हमसे
घर से तू बाहर क्यूँ निकली
रह जाना ना तू अकेली
उपवन बाग़ बगीचे पूछे
सावन का मौसम क्यों ना आता बार बार
डाली डाली क्यारी क्यारी हमसे पूछे
ये सावन का मौसम क्यों नहीं आता बार बार
हरी भरी है दुनियां सारी
वर्षा की बून्द को पी कर
न्यारी न्यारी लग रही है
ओस की तरह चमक कर
ये सावन का मौसम लग रहा है
मधुरबन
आया है ये सालों में एक बार
मीठे सुर बन
नाच रहे हैं मोर मयूर
गायें मधुर संगीत सारे
बोले दादुर बोले मोर
सारे गायेें एक सुर
रास लीला कृष्ण रचाएं
गोपियों संग करते नृत्य सारे
रास रचयिआ मोहन मोरलिआ
कहते हैं हमसे झूम के सारे
देख आया है मौसम प्यार का
ले ले मज़ा अब इस बरसात का
बादल गरज गरज कर बोले
तू है मेरी और तेरे हैं हम
मैं ना जानू कौन है बिजली
चमक चमक कर बोले हमसे
घर से तू बाहर क्यूँ निकली
रह जाना ना तू अकेली
उपवन बाग़ बगीचे पूछे
सावन का मौसम क्यों ना आता बार बार
डाली डाली क्यारी क्यारी हमसे पूछे
ये सावन का मौसम क्यों नहीं आता बार बार
हरी भरी है दुनियां सारी
वर्षा की बून्द को पी कर
न्यारी न्यारी लग रही है
ओस की तरह चमक कर
ये सावन का मौसम लग रहा है
मधुरबन
आया है ये सालों में एक बार
मीठे सुर बन
नाच रहे हैं मोर मयूर
गायें मधुर संगीत सारे
बोले दादुर बोले मोर
सारे गायेें एक सुर
रास लीला कृष्ण रचाएं
गोपियों संग करते नृत्य सारे
रास रचयिआ मोहन मोरलिआ
कहते हैं हमसे झूम के सारे
देख आया है मौसम प्यार का
ले ले मज़ा अब इस बरसात का
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